मोo-अकरम खान (अधिवक्ता)
जुनून और यकीन के रास्ते मंज़िल अगर मिल जाती है तो क्या केवल कामयाबी या मंज़िल पा लेने का नाम ही जिंदगी हैं।
या फिर वो जिसमें हम अपने शौक को पूरा कर सकें ? देखा जाए तो अपने शौक को पूरा करने का आनंद जिंदगी की हर कामयाबी से बहुत बड़ा होता है।
आपका पेशा आपको थका सकता है। लेकिन जुनून ऐसा आपको नहीं होने देता। जुनून पर अगर यकीन है तो राह में आने वाले हर संघर्ष को घुटने टेकने पर मजबूर कर देंगे।
सुख-दुःख का संघर्ष तो सबकी जिंदगियों में आता है पर कुछ इसे ज़िंदगी की नियमित मान लेते हैं तो कुछ इन बातों से परे हो जातें हैं।
और हर कर बैठ जाते हैं।
फ़ेसबुक, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया में लिखने की बेचैनी हो या किताबों के बीच कल्पना लोक में खोने की तमन्ना, बाइक पर सवार होकर कहीं लॉन्ग ड्राइव पे जाना हो या गिटार पर किसी अनजानी धुन को अपना बना लेने की बेताबी। अलग-अलग रंग और रूप में ये हम सबके अंदर मौजूद है।
ये व्यक्तित्व से गहरे जुड़ा है और प्रोफेशनल लाइफ से अलग फैशन ही कभी-कभी आपकी पहचान बन जाती है।
जब आप अपने मनपसंद कार्यों को करने में जुटे होते हैं, सही अर्थों में तभी आप खुदको पहचान भी पाते हैं। कामयाबी की पहली शर्त ही यही है कि आप खुदको जानें, अपनी खूबियों के साथ अपनी कमज़ोरियों का भी पता लगाएं।
बेहतरी का ये हौसला यक़ीन से साथ आपको नई राह की ओर प्रेरित करता है फिर इससे आप पहले से ज़्यादा अपने कार्य को बेहतर करने में जुट जाते हैं।
किसी भी चीज़ का यकीन आपको भीतर से तराशता है। आपको अच्छाईयों और अपने प्रति ईमानदार रहने को भी प्रेरित करता है।
वहीं, अगर आप अपने कार्य के लिए ईमानदार नहीं हैं तो आप उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाएंगे, जो दूसरों को भी आपके जैसी राह पर चलने के लिए उन्हें प्रेरित कर सके।
आपका यकीन आपको आत्ममंथन करने के लिए बाध्य करता है।
तब आप समझ जाते हैं कि कामयाबी पैसे या बड़े पद को पाने में नहीं, स्वयं पर जुनून के साथ यकीन हो तो ज़िंदगी की हर मंज़िल आपके कदमो में होगी।
ब्रिटिश साहित्यकार स्व. टी एस इलियट ने अपने अंदर के जुनून को बड़े यकीन के साथ परिभाषित किया है कि जुनून की ताकत का अंदाज़ा लगाने के लिए बस यही काफी है कि अंधा होने के बावजूद भी व्यक्ति रौशनी को यकीन से महसूस कर सकता है. वैसे भी देखा गया है कि दुनिया के सभी महापुरुष अपने भीतर की ताकत पर यकीन करते थे. उनकी ये ताकत जुनून ही है जिसके बदौलत उन्होंने उन प्रमाणिक कहानियों को गढ़ा है जो सदाबहार प्रेरक प्रसंग साबित हुईं हैं. एक जुनून ही है जो आपको अपनी ज़िंदगी से जोड़ के रखता है. ये आपका उन सभी चीज़ों से ध्यान बंटाता है जो इसके आड़े आती हैं.
बस इतना ही समझ लिया जाए मंज़िल पर यकीन हो में रास्ते में जुनून हो तो ज़िंदगी आसान हो जाएगी।
ज़िंदगी में जीवन नहीं होता अगर इंसान के अंदर जुनून न हो।
हर संघर्षशील दोस्तो को समर्पित
या फिर वो जिसमें हम अपने शौक को पूरा कर सकें ? देखा जाए तो अपने शौक को पूरा करने का आनंद जिंदगी की हर कामयाबी से बहुत बड़ा होता है।
आपका पेशा आपको थका सकता है। लेकिन जुनून ऐसा आपको नहीं होने देता। जुनून पर अगर यकीन है तो राह में आने वाले हर संघर्ष को घुटने टेकने पर मजबूर कर देंगे।
सुख-दुःख का संघर्ष तो सबकी जिंदगियों में आता है पर कुछ इसे ज़िंदगी की नियमित मान लेते हैं तो कुछ इन बातों से परे हो जातें हैं।
और हर कर बैठ जाते हैं।
फ़ेसबुक, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया में लिखने की बेचैनी हो या किताबों के बीच कल्पना लोक में खोने की तमन्ना, बाइक पर सवार होकर कहीं लॉन्ग ड्राइव पे जाना हो या गिटार पर किसी अनजानी धुन को अपना बना लेने की बेताबी। अलग-अलग रंग और रूप में ये हम सबके अंदर मौजूद है।
ये व्यक्तित्व से गहरे जुड़ा है और प्रोफेशनल लाइफ से अलग फैशन ही कभी-कभी आपकी पहचान बन जाती है।
जब आप अपने मनपसंद कार्यों को करने में जुटे होते हैं, सही अर्थों में तभी आप खुदको पहचान भी पाते हैं। कामयाबी की पहली शर्त ही यही है कि आप खुदको जानें, अपनी खूबियों के साथ अपनी कमज़ोरियों का भी पता लगाएं।
जानिये कैसे हम : जुनून और यकीन के रास्ते अपने सपनो को सच्च करें!
वैसे भी यकीन, जुनून, प्रतिभा, अनुशासन, बुद्धि जैसे अनेक शब्द अगर आपकी ज़िंदगी में हो तो आपको अपने पेशे में कामयाबी मिले या न मिले पर ज़िंदगी में कुछ कर सकने के यकीन कभी भी कम नहीं होगा।बेहतरी का ये हौसला यक़ीन से साथ आपको नई राह की ओर प्रेरित करता है फिर इससे आप पहले से ज़्यादा अपने कार्य को बेहतर करने में जुट जाते हैं।
किसी भी चीज़ का यकीन आपको भीतर से तराशता है। आपको अच्छाईयों और अपने प्रति ईमानदार रहने को भी प्रेरित करता है।
वहीं, अगर आप अपने कार्य के लिए ईमानदार नहीं हैं तो आप उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाएंगे, जो दूसरों को भी आपके जैसी राह पर चलने के लिए उन्हें प्रेरित कर सके।
आपका यकीन आपको आत्ममंथन करने के लिए बाध्य करता है।
तब आप समझ जाते हैं कि कामयाबी पैसे या बड़े पद को पाने में नहीं, स्वयं पर जुनून के साथ यकीन हो तो ज़िंदगी की हर मंज़िल आपके कदमो में होगी।
ब्रिटिश साहित्यकार स्व. टी एस इलियट ने अपने अंदर के जुनून को बड़े यकीन के साथ परिभाषित किया है कि जुनून की ताकत का अंदाज़ा लगाने के लिए बस यही काफी है कि अंधा होने के बावजूद भी व्यक्ति रौशनी को यकीन से महसूस कर सकता है. वैसे भी देखा गया है कि दुनिया के सभी महापुरुष अपने भीतर की ताकत पर यकीन करते थे. उनकी ये ताकत जुनून ही है जिसके बदौलत उन्होंने उन प्रमाणिक कहानियों को गढ़ा है जो सदाबहार प्रेरक प्रसंग साबित हुईं हैं. एक जुनून ही है जो आपको अपनी ज़िंदगी से जोड़ के रखता है. ये आपका उन सभी चीज़ों से ध्यान बंटाता है जो इसके आड़े आती हैं.
बस इतना ही समझ लिया जाए मंज़िल पर यकीन हो में रास्ते में जुनून हो तो ज़िंदगी आसान हो जाएगी।
ज़िंदगी में जीवन नहीं होता अगर इंसान के अंदर जुनून न हो।
हर संघर्षशील दोस्तो को समर्पित
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