जानिए: लम्बे सजदों से कौन कौन से बीमारियां ख़तम होती है। जिनमे Corona भी है

जानिए: लम्बे सजदों से कौन कौन से बीमारियां ख़तम होती है।  जिनमे Corona  भी है। 



लम्बे सजदों से कौन कौन से बीमारियां ख़तम होती है।  जिनमे Corona भी है


 उरदु लेख : सज्जादा*
 हिन्दी: हामिद अख्तर
  मां को (डिमेंशिया٫Dementia٫) दिमागी बीमारी के बारे में  पता चला ।  यह एक ऐसी बीमारी है जो बुढ़ापे में हर तीन में से एक व्यक्ति को अल्जाइमर Alzheimer या Dementia  होता  ही होता है ।  आप में से बहुत सारे लोग इस बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं। इसलिए इसे ध्यान से पढ़ें।  ये दोनों बीमारियाँ मानसिक  दुर्बलता( कमजोरी ) के कारण होती हैं।  अफसोस की बात है कि मैं अपनी मां की सेवा विदेश में होने के कारण नहीं कर सका।
 मुझे खुद (sinus)और एलर्जी की प्रॉब्लम थी । लगातार छींकें आ रही थीं। नाक से पानी ज्यादा निकलता था और यह समस्या लगभग पंद्रह (१५) साल तक बनी रही जो बचपन में शुरू हुई थी।
  कभी-कभी मेरे दिमाग में यह बात आती थी कि ना जाने  हमारे धर्म ने हमें इन बीमारियों से  बचने का तरीका भी बताया है या नहीं।
 हालाँकि, मेरी माँ की मृत्यु हो गई और मैं अपनी कम शिक्षा और यूरोप में होने के कारण कुछ नहीं कर सका।  इसका अफसोस मुझे ज़िन्दगी भर रहेगा । कम से कम यही पछतावा उन्के लिए अच्छे कर्म करने , इस तरह के ज्ञान को साझा करने, और रब से मगफिरत तलब करने और करवाने पर उभरता रहेगा ।
 उनकी मृत्यु ने मेरे दिल व दिमाग पर गहरा प्रभाव छोड़ा जो अभी तक है और उनकी याद सताती है।

 एक दिन इत्तेफाक से एक मुस्लिम डॉक्टर का वीडियो देखा, जिसमें उन्होंने कहा कि मानसिक कमजोरी को दूर करने का एकमात्र तरीका लंबा सजदह ( माथे को ज़मीन पर टिकाना है )। यह जानकारी  मेरे लिए बिल्कुल नई थी।  उन्होंने तर्क दिया कि हमारा दिल  ग्रैविटी के खिलाफ रक्त(खून) को इतने अच्छे से  पंप नहीं करता है जितने की हम सजदे में जाते हैं तब करता है। और यह बात तो भली मालूम हुई।

 फिर उनके कुछ वीडियो देखने के बाद, मुझे पता चला कि मेरी अपनी प्रॉबलम राइनाइटिस(Rhinitis) wali एलर्जी का भी यही हाल है। कियुंकी दिमागी कमजोरी के कारण हमें यह समस्या होती है।
बहर हाल इसका एक मात्र उपाय यह था कि मैं इसको आज़मा कर के देखता ।
आप यक़ीन मानिए मेरी 15 साल पुरानी प्रॉब्लम और एलर्जी का मसला तो एक माह ही  में लंबा सजदा करने से हल हो गया।

नमाज तो अल्हम्दुलिल्लाह पढ़ता था लेकिन नमाज के बाद सजदा शुक्र को लंबा कर दिया और दूसरे कई ज़िक्र खास तौर पर 100 बार दरूद पढ़ने में ही 5 से दस मिनट का सजदह हो जाता है।
इससे और भी बहुत सारी बीमारियां खत्म हुई हैं।जैसे चेहरा खून की सप्लाई की वजह से ताजा रहने लगा और बड़ी उम्र के असर आज तकरीबन खत्म हो गए। बालों को खून मिलने की वजह से बाल गिरने कम हो गए।बलगम का मसला था वह भी बिल्कुल खत्म हो गया। कानों और आंखों की कमजोरी के मसाईल कम हो गए।और साथ ही साथ आंखों के नीचे 1 साल से काले रंग के धब्बे थे वह भी अब नहीं दिख रहे हैं।
 सुबहान अल्लाह !  यह धर्म ही था के एक सजदे के अमल के पास हमारी इतनी बीमारियों और न जाने किन-किन बीमारियों का इलाज है।
वरना बड़े से बड़े यूरोप के डॉक्टर को मेरी एलर्जी का इलाज नहीं मिला। एलर्जी के खिलाफ सबसे असर मंद तरीका लंबा सजदह करने का यह है की दोनों पलकों के दरमियान  वाली जगह को ज़मीन  पर रखकर सजदह  किया जाए तो बेहतर रिजल्ट मिलते हैं ।

 कोरोना और फेफड़े का स्वास्थ्य

 आजकल क्रोना का  बहुत जोर है। यकीन  मानिए अगर नमाज के बाद लंबे सजदे शुरू कर दें तो  आप के फेफड़े ज्यादा मजबूत हो सकते हैं। क्योंकि सजदे की एक ऐसी पोजीशन है कि जिसमें इंसान के फेफड़े ज्यादा बेहतर काम करते हैं। यह तजुर्बे की बात है। आप भी आज़मा कर लाभ उठा सकते हैं। यह कम से कम फेफड़ों को ताकत जरूर देगा।
अगर यह बातें पहले मालूम होती तो शायद मैं अपनी मां को बचा लेता और उनकी दिमागी कमजोरी का मसला हल हो जाता।
ऐसा नहीं कर सका तो कम से कम आप यह सब बातें जान लीजिए और अपने बुढ़ापे के लिए और वर्तमान बीमारियों और महामारी से बचने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दीजिए अल्लाह आपका भला करे ।
इस्लाम धर्म ही सही जीने का तरीका सिखाता है।

अखीर में हजरत अली का कॉल नकल कर दूं कि अगर इंसान को मालूम हो जाए इस सजदे में किन-किन नेमतों ने उसे घेरा  हुआ है तो वह सजदे से सर उठाना ही ना चाहे।

  बहुत धन्यवाद!
शुक्रिया आप सभी का।

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