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पानी और कुवें का बयान | Pani Aur Kuwen Ka Bayan |
अस्सलामु अलैकुम दोस्तों ! आज की इस पोस्ट में पानी और कुवें का बयान होगा जिसमें यह बताया जायेगा की किस पानी से वज़ू और तहारत हासिल कर सकते हैं ? और किस्से नहीं और साथ ही कुवें के बारे में भी बताएँगे।
आप इस पोस्ट को बहुत ही ध्यान से पढ़ें इन शा अल्लाह आपको क़ीमती मालूमात हसिल होंगी। और अगर यह पोस्ट आपको अच्छी लगे तो इसे अपने दीनी भाइयों से ज़रूर शेयर करे jazakallah khaira |
पानी का बयान
सवाल : किन पानियों से वुज़ करना जाइज़ है?
जवाब : बारिश का पानी, चश्मे या कुँए का पानी, नदी या समुद्र का पानी, पिघली हुई बर्फ या ओलों का पानी, बड़े तालाब या बड़े हौज़ का पानी, इन सब पानियों से वुज़ और गुस्ल करना जाइज़ है।सवाल : किन पानियों से वुज़ करना जाइज़ नहीं?
जवाब : फल और पेड़ का निचोड़ा हुआ पानी, शोरबा, वह पानी जिसका रंग, बू, मज़ा किसी पाक चीज के मिल जाने की वजह से बदल गया हो, ऐसा पानी जो थोड़ा हो और उसमें कोई नापाक चीज़ गिर गई हरे या कोई जानवर गिरकर मर गया हो, वह पानी जिससे वुज़ या गुस्ल किया गया हो, वह पानी जिस पर नापाकी का असर ज्यादा हो, हराम जानवरों का झूटा पानी, सौंफ, गुलाब या और किसी दवा का खेंचा हुआ अर्क।
सवाल : जिस पानी से वुज़ या गुस्ल किया गया हो उसे क्या कहते हैं?
जवाब : ऐसे पानी को मुस्तामल (इस्तेमाल तालीमुल-इस्लाम हिस्सा 2
किया गया) पानी कहते हैं। जो खुद पाक है। मगर उससे वुज़ या गुस्ल करना जाइज़ नहीं।
सवाल : किन जानवरों का झूटा पानी नापाक है?
जवाब : कुत्ते, सुअर और शिकारी चौपाए का झूटा पानी नापाक है। इसी तरह बिल्ली जो चूहा या कोई और जानवर खाकर फौरन पानी पी ले इसका झूटा भी नापाक है। जिस आदमी ने शराब पी और फौरन पानी पी लिया इसका झूटा भी नापाक है।
सवाल : किन जानवरों का झूय पानी मकरूह है?
जवाब : बिल्ली (अगर फौरन चूहा न खाया हो), चूहा, छिपकली, बाहर फिरने वाली मुर्गी, नापाकी खाने वाली गाय, भैंस, कौआ, चील, शिकरा और सारे हराम जानवरों का झूटा मकरूह है।
सवाल : किन जानवरों का झूटा पानी पाक है?
जवाब : आदमी और हलाल जानवरों का झूटा पानी पाक है जैसे गाय, बकरी, कबूतर, फाखता, घोड़ा।
सवाल : कौन-सा पानी नजासत के गिरने से नापाक हो जाता है?.
जवाब : सिवाये दो पानियों के सब पानी नजासत के गिरने से नापाक हो जाते हैं। वे दो पानी ये हैं: पहला नदी या दरिया का बहता हुआ पानी। दूसरा ठहरा हुआ ज्यादा पानी, जैसे बड़े तालाब या बड़े हौज़ का पानी।
सवाल : ठहरे हुए ज्यादा पानी की क्या मिकदार है?
जवाब : जो ठहरा हुआ पानी नम्बरी गज़ से साढ़े पाँच गज़ लम्बा और साढ़े पाँच गज़ चौड़ा हो वह ज्यादा पानी है। जो हौज़ या तालाब कि इतना बड़ा हो वह बड़ा हौज़ और बड़ा तालाब समझा जायेगा।
सवाल : नजासत गिरने के सिवा और किस चीज़ से थोड़ा पानी नापाक हो जाता है?
जवाब : अगर पानी में कोई ऐसा जानवर गिर कर मर जाये जिस में बहता हुआ खुन होता है तो पानी नापाक हो जाता है जैसे चिड़िया, मुर्गी, कबूतर, बिल्ली, चूहा।
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सवाल : बड़े तालाब या हौज का पानी कब नापाक होता है?
जवाब : जब इसमें नजासत का मज़ा या रंग या बू ज़ाहिर हो जाये।
सवाल : किन जानवरों के पानी में मर जाने से पानी नापाक नहीं होता?
जवाब : जो जानवर कि पानी में पैदा होते और रहते हैं जैसे मछली, मेंढक, और वे जानवर जिन में बहता हुआ खन नहीं है जैसे मक्खी , मच्छर, भिड़, छिपकली, चींटी इनके मरने से पानी नापाक नहीं होता।
कुएँ का बयान
सवाल : कुआँ किन चीजों से नापाक होता है?जवाब : अगर नजासत गलीज़ा या खफीफा कुँए में गिर जाये या कोई बहते हुए खन वाला जानवर कुँए में गिर कर मर जाये तो कुआँ नापाक हो जाता है।
सवाल : अगर कुएँ में कोई जानवर गिर कर जिन्दा निकल आये तो कुआँ पाक रहेगा या नापाक हो जायेगा?
जवाब : अगर ऐसा जानवर गिरे कि उसका झूटा नापाक है या वह जानवर गिरे जिसके बदन पर नजासत लगी थी तो कुआँ नापाक हो जायेगा। और अगर हलाल या हराम जानवर जिनका झुटा नापाक नहीं और इनके बदन पर नजासत भी न हो अगर गिरे और जिन्दा निकल आयें तो जब तक उनके पेशाब या पाखाना कर देने का यकीन न हो जाये कुआँ नापाक न होगा।
सवाल : कुआँ जब नापाक हो जाये तो पाक करने का क्या तरीका है?
जवाब : कुँए के पाक करने के पाँच तरीके हैं:- (1) जब कुँए में नजासत गिर जाये तो सारा पानी निकालने से पाक हो जायेगा (2) और जब
आदमी या सुअर या कुत्ता या बकरी या दो बिल्लियाँ या इससे बड़ा कोई और जानवर गिर कर मर जाये तो सारा पानी निकालना पड़ेगा (3) और जब कोई बहते हुए खन वाला जानवर गिर कर फूल गया या फट गया तो सारा पानी निकालना होगा। चाहे वह जानवर छोटा हो या बड़ा (4) और जब कबूतर या मुर्गी या बिल्ली या इतना ही बड़ा कोई जानवर गिर कर मर गया लेकिन फूला नहीं तो चालीस (40) डोल निकालने पड़ेंगे (5) अगर चूहा, चिड़िया या इतना ही बड़ा और कोई जानवर गिर कर मर गया36 तो बीस (20) डोल निकालने पड़ेंगे। बीस की जगह तीस (30) और चालीस (40) की जगह साठ (601 डोल निकालना मुस्तहब है।
सवाल : अगर मरा हुआ जानवर कुएं में गिर जाये तो उसका क्या हुक्म है?
जवाब : मरे हुए जानवर के गिरने का वही हक्म है जो कुँए में गिर कर मरने का बयान हुआ। जैसे:- बकरी मरी हुई गिरे तो सारा पानी निकाला जाये और बिल्ली मरी हुई गिरे तो चालीस (40) या साठ (60) डोल और चूहा मरा हुआ गिरे तो बीस (20) या तीस (30) डोल निकाले जायें।
सवाल : अगर फूला हुआ या फटा हुआ जानवर गिर जाये तो क्या हुक्म है?
जवाब : सारा पानी निकालना होगा। जैसे कि कुएं में गिर कर मरता और फूलता और फट जाता।
सवाल : अगर कुँए में से मरा हुआ जानवर निकले और मालूम न हो कि कब गिरा है तो क्या हुक्म है?
जवाब : जिस वक्त से देखा जाये उसी वक्तसे कुआँ नापाक समझा जायेगा।
सवाल : डोल से कितने बड़े डोल से मतलब
जवाब : जिस कुँए पर जो डोल पड़ा रहता है वही ठीक है।
सवाल : जितने डोल निकालने हैं एक ही बार निकालने चाहियें या कई बार करके निकालना जाइज़ है?
जवाब : कई बार करके निकालना भी जाइज़ है जैसे साठ डोल निकालने हैं, बीस सुबह को निकाले, बीस दोपहर को और बीस शाम को, तो यह भी जाइज़ है।
सवाल : जिस डोल रस्सी से नापाक कुएं का पानी निकाला जाये वह पाक है या नापाक?
जवाब : जब इतना पानी निकाल डाला जितना निकालना चाहिए था तो कुआँ डोल और रस्सी सब पाक हो जाते हैं।
सवाल : जिस डोल रस्सी से नापाक कुएं का पानी निकाला जाये वह पाक है या नापाक?
जवाब : जब इतना पानी निकाल डाला जितना निकालना चाहिए था तो कुआं, डोल और रस्सी सब पाक हो जाते हैं।
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