समाज में फैल रही बुराईयों को मिटाना हर मुस्लमान की ज़िम्मेदारी है

 

उमरीन महफुज़ रहमानी



खरगोन,07/ फरवरी (प्रैस रीलीज़) ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की इस्लाह मुआशरा(समाज सुधार) कमेटी के तहत हज़रत मौलाना मुहम्मद उमरैन महफ़ूज़ रहमानी साहिब, सैक्रेटरी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का इन दिनों मध्य प्रदेश का दोरा(यात्रा) जारी है, जिसमें एम पी के अन्य डिस्ट्रिक्ट में इस्लाह-ए-मुआशरा(समाज सुधार) की कमेटियां तशकील दी जा रही हैं ता कि उनके ज़रीये इस्लाही(सुधार) कोशिशों का दायरा बढ़ा किया जा सके। इसी सिलसिले में ज़िला खरगोन में अनेक प्रोग्राम आयोजित हुए, चुनांचे ५/फरवरी जुमा के दिन नमाज़-ए-जुमा से पहले खरगोन की मस्जिद मर्कज़ में मौलाना मुहम्मद उमरीन महफ़ूज़ रहमानी साहिब की सोचने पर उभारने वाली तक़रीर हुइ, जिसमें उन्होंने समाज में पाई जा रही बुराईयों पर अंकन किया, और आम मुस्लमानों को समाज सुधार के कामों की जानिब आकर्षण करते हुए कहा कि नेकियों को फैलाना और अपनी ताक़त के  हिसाब से गुनाहों को मिटाना हर मुस्लमान की ज़िम्मेदारी है, मोलाना ने अपनी तफ़सीली तक़रीर में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का परिचय पेश किया और बोर्ड की जानिब से समाज सुधार के सिलसिले में की जा रही कोशिश से भी सून्ने वालों को आगाह किया।




दूसरा प्रोग्राम महिलाओं के लिए दोपहर में तीन बजे मर्कज़ मस्जिद के क़रीब कुम्हार बाड़ा में आयोजित किया गया जिसमें मुफ़्ती रहमत उल्लाह साहिब और मौलाना सलीम अल्लाह नदवी साहिब की तक़रीर हुइ, अपनी तक़रीर में इन उलमा-ए-किराम ने इस्लाम में महिलाओं के उच्च मुक़ाम और उनके अधिकारों और ज़िम्मेदारीयों पर रोशनी डालते हुए कहा कि महिलाओं के अधिकारों की हिफाज़त इस्लाम की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अंत में मौलाना मुहम्मद उमरीन महफ़ूज़ रहमानी साहिब ने महिलाओं से ख़िताब किया, जिसमें उन्होंने कहा कि लज्जा और श्रम ईमान का हिस्सा है और अपनी पवित्रता और शुद्धता की हिफ़ाज़त महिलाओं की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है। मौलाना ने नमाज़ों की पाबंदी के साथ अदायगी की ताकीद की और अपने घरेलू और समाजी निज़ाम को ख़ूबसूरत बनाने पर ज़ोर दिया, मौलाना ने महिलाओं को समाज सुधार कमेटी के प्लेटफार्म से इस्लाही कोशिशों को अंजाम देने की भी निमंत्रण दिया।




अस्र के बाद मौलाना मुहम्मद उमरीन महफ़ूज़ रहमानी साहिब ने उच्चतम अफ़राद से ख़ास मुलाक़ात की और इस्लाह-ए-मुआशरा(समाज सुधार) कमेटी के सिलसिले में मश्वरा और मीटिंग भी किया, तीसरा प्रोग्राम मग़रिब के बाद मस्जिद उम्र आज़ाद नगर में एक उमूमी इजलास की शक्ल में आयोजित हुआ,इस जलसे के शूरू में मुफ़्ती रहमत उल्लाह साहिब की तक़रीर हुई जिसमें उन्होंने कहा कि हमारी कामयाबी और बुलंदी शरीअत के नियमों पर अमल करने में है।इसलिए मुस्लमान ज़िंदगी के सारे विभागों में दीन पर अमल करने का मिज़ाज पैदा करें। अंत में मौलाना मुहम्मद उमरीन महफ़ूज़ रहमानी साहिब की अहम तक़रीर हुइ जिसमें मौलाना ने निकाह को आसान बनाने की ताकीद की, उन्होंने मुस्लिम नौजवानों में बढ़ रही अभद्रता और मुस्लिम बच्चीयों में फैलते हुए इर्तिदाद(धर्म परिवर्तन) के कारण और उन के हल पर तफ़सील के साथ रोशनी डालते हुए कहा कि मुस्लमान अपने बच्चों की दीनी तालीम वित्र बैत की फ़िक्र करें और अपने और अपनी नसलों के दीन-ओ-ईमान की हिफाज़त के लिए कोशिशें करें। मौलाना मुहतरम ने अपनी तक़रीर में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाबोर्ड का आने वालों को परिचय दिया और उनको समाज सुधार की कोशिशों का हिस्सा बनने की तरग़ीब दी,इस इजलास में बड़ी तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया जिसकी वजह से मस्जिद छोटी पड़ गई। मौलाना मौसूफ़ की दुआ पर इजलास का अंत हुआ। अहम बात ये है कि खरगोन और इस के क़रीबी डिस्ट्रिक्ट के उल्मा,इमाम और ख़वास ने भी बड़ी तादाद में शिरकत की और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के पैग़ाम को सुना, और अपने अपने इलाक़ों में इस्लाह मुआशरा (समाज सुधार) की कोशिश को तेज़ करने का वादा किया।




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