मुझे कुछ दिन हुए बहुत ज़्यादा भूलने की आदत हो गई है, जैसे नमाज़ में कितनी रकात हुई, एक सजदा हुआ या दो दसजदे हुए और बाज़ार से दस सामान लाना है तो कुछ काम सामान लाता हूँ । शरीयत में इस तरह की बीमारी का कोई ईलाज है तो ज़रूर लिख कर बताएं
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आप दुरूद शरीफ़ की कसरत करें और किसी माहिर हकीम से ईलाज कराईं
अल्लाह जनता है
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