एक शख्स सारे शहर को वीरान कर गया ।
दारुल उलूम देवबंद (19 मई 2020)
दारुल उलूम देवबंद के प्रतिष्ठित शिक्षक हजरत मौलाना मुफ्ती सईद अहमद दमात बरकातुहुम -उल-आलिया मंगलवार, 19 मई को 25 वें रमज़ान दिन मंगलवार को इस दुनिया से अलविदा हो गए।
सुपुर्द खाक
हजरत मुफ्ती सईद अहमद पालनपुरी साहिब (रहमतुल्लाहि अलैह) को लगभग 11:30 बजे ओशिवारा मुस्लिम कब्रिस्तान, जोगेश्वरी, पश्चिम मुंबई में दफनाया जाएगा।
यह हमारे एक विशेष संवाददाता द्वारा रिपोर्ट किया गया है
यह याद रहे कि हजरत उस्ताद की हालत सोमवार 18 मई को बहुत गंभीर हो गई थी। इस खबर में यह भी बताया गया कि हजरत उस्ताद के फेफड़ों में पानी चला गया था, जिसके कारण उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। इसीलिए एक सप्ताह पहले (आईसीयू) गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती किया गया था, प्रतिदिन सुधार हो रहा था , लेकिन कल, सोमवार, 18 मई को आपकी स्थिति अचानक गंभीर हो गई, जिसके कारण पुन: अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। 18 मई को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया और वह ठीक नहीं हो सके। आखिरकार, मंगलवार 19 मई आज ही के दिन , 6: 38 बजे को मौलाना मलिके हकीकी से जा मिले और इस नष्ट होने वाले संसार को छोड़ कर स्वर्ग सुधार गए,। " انا للہ وانا الیہ راجعون "
लाखों छात्र आज हज़रत के निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं और हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि अल्लाह हज़रत उस्ताद को स्वर्ग में एक विशेष स्थान प्रदान करें और शोक संतप्तों को धैर्य प्रदान करें।
उनके कुल तेरह बच्चे, जिनमें ग्यारह बेटे और दो बेटियां थीं, जबकि दो बेटे, रशीद अहमद और सईद अहमद अल्लाह को प्रिय हो गए हैं। आपकी बहुत सारी किताबें हैं लेकिन इन में बेहतरीन किताब जो की बहुत लोकप्रिय हुई वह तिरमिज़ी शरीफ की शारः तोह फतुल अल्माई और बुखारी शरीफ की शरह तोह फ्तुल क़ारी को बहुत ज़्यादा लोकप्रियता मिली ।
और अन्य छोटी और बड़ी किताबें आज भी मदरसों के पाठ्यक्रम में शामिल हैं।
आज, उम्मत से बड़ी से एक बड़ी हस्ती चली गई । अल्लाह ने उम्मत को इसका बदल दे । और इस गहरी खाई को उनके बदल से पुर कर से ।
सभी छात्रों से अनुरोध है कि वे आज हज़रत ईसाले सवाल के लिए कुरान की तिलावत और दुआएं करें ।
अल्लाह हमें इस नेक काम में शामिल करे
शमशीर अहमद कासमी
देवबंद लेखक समिति

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